अपने लिखे पत्रों पर कार्रवाई न होने से नाराज़ हैं दिग्विजय सिंह
एमपी के मंत्रियों को चिट्ठी लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा
इससे पहले सपा विधायक भी मंत्रियों की शैली पर जता चुके हैं नाराज़गी
एमपी सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर कांग्रेस के अंदर घमासान के हालात बन गए हैं. सपा और बसपा विधायकों के मंत्रियों के रवैये को लेकर नाराज़गी जताने के बाद कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की मंत्रियों को लिखी चिट्ठी से सियासी बवाल खड़ा हो गया है. दिग्विजय ने ये चिट्ठी तब लिखी, जब उनके लिखे पत्रों पर मंत्रियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही अब मंत्रियों की संपत्ति भी मुद्दा बनती दिखाई दे रही है.
सिरदर्द बनता जा रहा मंत्रियों रवैया
15 साल के सत्ता के वनवास के बाद सूबे का सिंहासन संभालने वाली कांग्रेस सरकार के मंत्रियों का रवैया पार्टी के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है. मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आ चुकी है. एक दिन पहले सपा के विधायक राजेश शुक्ल ने वन मंत्री उमंग सिंघार के मिलने का समय नही देने को लेकर गुस्सा जताया था. सपा विधायक ने सरकार में बैठ मंत्रियों के रवैये पर आपत्ति जताई तो अब कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की सभी मंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी से बवाल उठ खड़ा हुआ है. इस चिट्ठी के मुताबिक कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने मंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे 31 अगस्त से पहले मिलने के लिए समय देने का अनुरोध किया है. दिग्विजय के मुताबिक उनके मंत्रियों को विभाग से संबंधित मामलों को लेकर लिखे गये पत्रों पर कार्रवाई नहीं होने पर मंत्रियों से मिलकर समाधान निकालने का अनुरोध किया गया है.
मंत्रियों की संपत्ति का भी मुद्दा
मंत्रियों के रवैये के साथ साथ अब उनकी संपत्ति भी मुद्दा बनती दिखाई दे रही है. प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि मंत्रियों को अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में भी इसे शामिल किया था. अब सरकार इस पर विचार कर रही है कि कैसे मंत्री-विधायकों की संपत्ति को सार्वजनिक करने को अनिवार्य किया जाए.
बीजेपी हुई हमलावर
वहीं, बेलगाम हो रहे मंत्रियों पर नकेल कसने के लिए हो रही कोशिशों पर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि जब विधायक और सांसद दिग्विजय सिंह को अपने कामों के लिए मंत्रियों से अनुरोध करना पड़ा रहा है, तो आम आदमी की दुर्दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है.
पार्टी के अंदर घमासान के हालात
बहरहाल आठ महीने पुरानी सरकार में मंत्रियों के कामकाज को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद पार्टी के अंदर घमासान के हालात बन गये हैं. लेकिन यदि मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर बढ़ रही नाराजगी जल्दी नहीं थमी और मंत्री नहीं संभले तो कांग्रेस के लिए आने वाले दिन बेहद मुश्किल भरे साबित हो सकते हैं.